बज़्म साहित्य महोत्सव, जिसे बज़्म लिटरेचर फाउंडेशन द्वारा ग़ालिब इंस्टिट्यूट के सहयोग से प्रस्तुत किया जा रहा है, 24 मई 2025 को माता सुंदरि कॉलेज फॉर वीमेन, नई दिल्ली में आयोजित होने जा रहा है। यह जीवंत आयोजन साहित्य, कविता और सांस्कृतिक संवाद का उत्सव है, जिसकी शुरुआत शाम 5:00 बजे होगी और यह एक विचारशील, संवादपूर्ण व कला से परिपूर्ण संध्या का वादा करता है।
महोत्सव की शुरुआत प्रेरणादायक सत्रों से होगी, जैसे "नारी अस्मिता की उभरती आवाज़ें", जिसमें जयंती रंगनाथन और प्रत्यक्षा विचार साझा करेंगी। इसके बाद "सेंसरशिप बनाम ओटीटी और थिएटर" विषय पर चर्चा होगी, जिसमें प्रकाश के. राय और अरविंद गौड़ रचनात्मकता और नियंत्रण की बदलती प्रवृत्तियों पर प्रकाश डालेंगे। एक अन्य विशेष आकर्षण है उर्दू साहित्यिक विरासत की खोज पर केंद्रित सत्र "अदबी और अवामी", जिसमें ख़लीलुर रहमान और डॉ. अर्शद क़ादरी भाग लेंगे।
रात 7:30 बजे से, त्योहार काव्य की शाश्वत सुंदरता को समर्पित होगा एक भव्य मुशायरा और कवि सम्मेलन के साथ। इस आयोजन में देश के प्रसिद्ध और प्रभावशाली काव्य कलाकारों की एक शानदार टोली एकत्रित होगी, जिनमें शिव कुमार बिलाग्रामी, आलोक अविरल, मुईन शादाब और कई अन्य शामिल होंगे। दर्शक यहाँ उर्दू और हिंदी काव्य का रंगीन मिश्रण देखेंगे, जिसमें शास्त्रीय गहराई और आधुनिक विषयों का सुंदर मेल होगा, और यह सभी काव्य सम्मेलनों की समृद्ध परंपरा का सम्मान करता है।
चाहे आप एक प्रेमी पाठक हों, गीतात्मक अभिव्यक्ति के शौकीन हों, या भारतीय साहित्यिक संस्कृति की आत्मा को जानने के इच्छुक हों, बज़्म लिटरेचर फेस्टिवल आपके लिए एक दुर्लभ और सुंदर अवसर प्रस्तुत करता है। इसके सोच-समझ कर चुने गए सत्र और आत्मिक काव्य प्रस्तुतियाँ आपको प्रेरित, भावविभोर, और शब्दों, विचारों और सांस्कृतिक विरासत की गहनता से जुड़ाव का अनुभव कराएंगे।
प्रवेश पूर्णतः निःशुल्क है, जो इस अवसर को साहित्य प्रेमियों, छात्रों, और कला के शौकीनों के लिए एक खुला निमंत्रण बनाता है। चाहे आप प्रभावशाली संवादों की ओर आकर्षित हों या काव्य की गीतात्मक जादूगरी में रुचि रखते हों, बज़्म लिटरेचर फेस्टिवल भाषा और रचनात्मकता की आत्मा को संजोने वाले हर व्यक्ति के लिए एक जरूरी आयोजन है।